न चाँद ने किया रौशन मुझे न सूरज ने By Sher << जकड़ी हुई है इन में मिरी ... फ़न वो जुगनू है जो उड़ता ... >> न चाँद ने किया रौशन मुझे न सूरज ने तो मैं जहाँ में मुनव्वर हुआ तो कैसे हुआ Share on: