फ़न वो जुगनू है जो उड़ता है हवा में 'क़ैसर' By Sher << न चाँद ने किया रौशन मुझे ... शाख़-दर-शाख़ होती है ज़ख़... >> फ़न वो जुगनू है जो उड़ता है हवा में 'क़ैसर' बंद कर लोगे जो मुट्ठी में तो मर जाएगा Share on: