न छोड़ा हिज्र में भी ख़ाना-ए-तन By Sher << तिलिस्म-ए-ख़्वाब से मेरा ... यारान-ए-तेज़-गाम ने महमिल ... >> न छोड़ा हिज्र में भी ख़ाना-ए-तन रगड़वाएगी कब तक एड़ियाँ रूह Share on: