न दूँगा दिल उसे मैं ये हमेशा कहता था By Sher << मैं तल्ख़ी-ए-हयात से घबरा... तमन्नाओं को ज़िंदा आरज़ूओ... >> न दूँगा दिल उसे मैं ये हमेशा कहता था वो आज ले ही गया और 'ज़फ़र' से कुछ न हुआ Share on: