न मंज़िल हूँ न मंज़िल-आश्ना हूँ By Sher << ये इक बोसे पे इतनी बहस ये... फिर एक बार लड़ाई थी अपनी ... >> न मंज़िल हूँ न मंज़िल-आश्ना हूँ मिसाल-ए-बर्ग उड़ता फिर रहा हूँ Share on: