न वाइज़ हज्व कर एक दिन दुनिया से जाना है By Sher << शौक़िया कोई नहीं होता ग़ल... मरहम तिरे विसाल का लाज़िम... >> न वाइज़ हज्व कर एक दिन दुनिया से जाना है अरे मुँह साक़ी-ए-कौसर को भी आख़िर दिखाना है Share on: