नज़र में बंद करे है तू एक आलम को By Sher << हर चंद अमरदों में है इक र... उड़ते हुए आते हैं अभी संग... >> नज़र में बंद करे है तू एक आलम को फ़ुसूँ है सेहर है जादू है क्या है आँखों में Share on: