नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया By Sher << बज़्म-ए-याराँ है ये साक़ी... देख आईना जो कहता है कि अल... >> नाकामियों ने और भी सरकश बना दिया इतने हुए ज़लील कि ख़ुद्दार हो गए Share on: