नक़्श मिटते हैं तो आता है ख़याल By Sher << नया ख़ूँ रगों में रवाँ कर... मुझ को भी जागने की अज़िय्... >> नक़्श मिटते हैं तो आता है ख़याल रेत पर हम भी कहाँ थे पहले Share on: