नमक-ए-हुस्न का सुनता हूँ तिरे जूँ जूँ शोर By Sher << हैं यादगार-ए-आलम-ए-फ़ानी ... तुम कहे जाते हो ऐसी फ़स्ल... >> नमक-ए-हुस्न का सुनता हूँ तिरे जूँ जूँ शोर तूँ तूँ मिलने की मिरे दिल में हवस आती है Share on: