नरमी हवा की मौज-ए-तरब-ख़ेज़ अभी से है By Sher << सदियों में जा के बनता है ... मुबहम से एक ख़्वाब की ताब... >> नरमी हवा की मौज-ए-तरब-ख़ेज़ अभी से है ऐ हम-सफ़ीर आतिश-ए-गुल तेज़ अभी से है Share on: