नशा टूटा नहीं है मार खा कर By Sher << अंधेरा इतना है अब शहर के ... सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी ... >> नशा टूटा नहीं है मार खा कर कि हम ने पी है कम खाई बहुत है Share on: