सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी का किस से मिले By Sher << नशा टूटा नहीं है मार खा क... मुझ को हर सम्त ले के जाता... >> सुबूत बर्क़ की ग़ारत-गरी का किस से मिले कि आशियाँ था जहाँ अब वहाँ धुआँ भी नहीं Share on: