'नसीम'-ए-देहलवी हम मोजिद-ए-बाब-ए-फ़साहत हैं By Sher << मरने के बअ'द कोई पशेम... न यूँ नीची किए गर्दन को च... >> 'नसीम'-ए-देहलवी हम मोजिद-ए-बाब-ए-फ़साहत हैं कोई उर्दू को क्या समझेगा जैसा हम समझते हैं Share on: