'नासिरी' क़ब्र पे इबरत के लिए लिखवा दो By Sher << इक दाग़-ए-दिल ने मुझ को द... तो शराफ़तों का मक़ाम है त... >> 'नासिरी' क़ब्र पे इबरत के लिए लिखवा दो तूल खींचा है यहाँ तक शब-ए-तन्हाई ने Share on: