ना-तवानी का भी एहसाँ है मिरी गर्दन पर By Sher << मारे हया के हम से वो कल ब... मार नहिं डालते हैं यूँ उस... >> ना-तवानी का भी एहसाँ है मिरी गर्दन पर कि तिरे पाँव से सर मुझ को उठाने न दिया Share on: