इब्तिदा से आज तक 'नातिक़' की ये है सरगुज़िश्त By Sher << मय-कशो मय की कमी बेशी पे ... दो आलम से गुज़र के भी दिल... >> इब्तिदा से आज तक 'नातिक़' की ये है सरगुज़िश्त पहले चुप था फिर हुआ दीवाना अब बेहोश है Share on: