'नज़ीर' तेरी इशारतों से ये बातें ग़ैरों की सुन रहा है By Sher << मैं मुद्दतों जिया हूँ किस... रहता है इबादत में हमें मौ... >> 'नज़ीर' तेरी इशारतों से ये बातें ग़ैरों की सुन रहा है वगर्ना किस में थी ताब-ओ-ताक़त जो उस से आ कर कलाम करता Share on: