मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर By Sher << 'मुनीर' इस मुल्क ... 'नज़ीर' तेरी इशार... >> मैं मुद्दतों जिया हूँ किसी दोस्त के बग़ैर अब तुम भी साथ छोड़ने को कह रहे हो ख़ैर Share on: