नेमत-ए-ख़ुल्द थी बशर के लिए By Sher << परवाने की तपिश ने ख़ुदा ज... मर चुके जीते-जी ख़ुशा क़ि... >> नेमत-ए-ख़ुल्द थी बशर के लिए ख़ाक चाटी नज़र गुज़र के लिए Share on: