परवाने की तपिश ने ख़ुदा जाने कान में By Sher << रौशन है आफ़्ताब की निस्बत... नेमत-ए-ख़ुल्द थी बशर के ल... >> परवाने की तपिश ने ख़ुदा जाने कान में क्या कह दिया कि शम्अ के सर से धुआँ उठा Share on: