निकलो भी कभी सूद-ओ-ज़ियाँ से वर्ना By Sher << तुझ से पर्दा नहीं मिरे ग़... मेरी दुनिया में अभी रक़्स... >> निकलो भी कभी सूद-ओ-ज़ियाँ से वर्ना कूचे में तिरे कौन भला आएगा Share on: