निस्बत फिर उस से क्या मह-ए-दाग़ी को दीजिए By Sher << नित जिन आँखों में रहे था ... ने हाथ मिरा हाथ है ने जेब... >> निस्बत फिर उस से क्या मह-ए-दाग़ी को दीजिए सारे बदन में जिस के न हो एक तिल कहीं Share on: