नित जिन आँखों में रहे था तेरी सूरत का ख़याल By Sher << पहना जो मैं ने जामा-ए-दीव... निस्बत फिर उस से क्या मह-... >> नित जिन आँखों में रहे था तेरी सूरत का ख़याल अब वो आँखें सूरत-ए-आईना हैं हैरत-परस्त Share on: