नूह बैठे हैं चारपाई पर By Sher << बस-कि तेज़ाब से कुछ कम भी... वही शय मक़सद-ए-क़ल्ब-ओ-नज... >> नूह बैठे हैं चारपाई पर चारपाई पे नूह बैठे हैं Share on: