नुक्ता यही अज़ल से पढ़ाया गया हमें By Sher << चाहिए थी शम्अ इस तारीक घर... शर्म आती है कि उस शहर में... >> नुक्ता यही अज़ल से पढ़ाया गया हमें हव्वा बराए-हुस्न है आदम बराए-इश्क़ Share on: