पास रह कर भी न पहचान सका तू मुझ को By Sher << कोहकन जाँ-कनी है मुश्किल ... उस से हर-दम मोआ'मला ह... >> पास रह कर भी न पहचान सका तू मुझ को दूर से देख के अब हाथ हिलाता क्या है Share on: