कोहकन जाँ-कनी है मुश्किल काम By Sher << तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर ... पास रह कर भी न पहचान सका ... >> कोहकन जाँ-कनी है मुश्किल काम वर्ना बहतेरे हैं पथर फोड़े Share on: