पाबंद-ए-दैर हो के भी भूले नहीं हैं घर By Sher << पहली बातें हैं न पहले की ... नज़र आता नहीं अब घर में व... >> पाबंद-ए-दैर हो के भी भूले नहीं हैं घर मस्जिद में जा निकलते हैं चोरी-छुपी से हम Share on: