नज़र आता नहीं अब घर में वो भी उफ़ रे तन्हाई By Sher << पाबंद-ए-दैर हो के भी भूले... नाज़ उधर दिल को उड़ा लेने... >> नज़र आता नहीं अब घर में वो भी उफ़ रे तन्हाई इक आईने में पहले आदमी था मेरी सूरत का Share on: