पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई By Sher << क्या देखता है हाथ मिरा छो... मुझे ख़बर थी मिरा इंतिज़ा... >> पचपन बरस की उम्र तो होने को आ गई लेकिन वो चेहरा आँखों से ओझल न हो सका Share on: