पड़ी रहने दो इंसानों की लाशें By Sher << ये क़ैस-ओ-कोहकन के से फ़स... हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की... >> पड़ी रहने दो इंसानों की लाशें ज़मीं का बोझ हल्का क्यूँ करें हम Share on: