पागल वहशी तन्हा तन्हा उजड़ा उजड़ा दिखता हूँ By Sher << सतही लोगों में गहराई होती... जो बिजलियों की पनाहों में... >> पागल वहशी तन्हा तन्हा उजड़ा उजड़ा दिखता हूँ कितने आईने बदले हैं मैं वैसे का वैसा हूँ Share on: