पहाड़ जैसे दिनों को तो काट लूँ लेकिन By Sher << ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ वो मिरे पास से गुज़रे तो ... >> पहाड़ जैसे दिनों को तो काट लूँ लेकिन निकल न पाऊँ मैं इक रात की गिरानी से Share on: