पहले वक़्तों में हो तो हो शायद By Sher << आ कर तिरी गली में क़दम-बो... यूँ तो मिलने को लोग मिलते... >> पहले वक़्तों में हो तो हो शायद दोस्ती अब हसीन गाली है Share on: