पल-भर न बिजलियों के मुक़ाबिल ठहर सके By Sher << पूछती रहती है जो क़ैसर-ओ-... निगाहें फेरने वाले ये नज़... >> पल-भर न बिजलियों के मुक़ाबिल ठहर सके इतना भी कम-सवाद मिरा आशियाँ कहाँ Share on: