पूछती रहती है जो क़ैसर-ओ-किसरा का मिज़ाज By Sher << शदीद तुंद हवाएँ हैं क्या ... पल-भर न बिजलियों के मुक़ा... >> पूछती रहती है जो क़ैसर-ओ-किसरा का मिज़ाज शान ये ख़ाक-नशीनों में कहाँ से आई Share on: