पसपा हुई सिपाह तो परचम भी हम ही थे By Sher << सुलगती प्यास ने कर ली है ... रात बाक़ी थी जब वो बिछड़े... >> पसपा हुई सिपाह तो परचम भी हम ही थे हैरत की बात ये है कि बरहम भी हम ही थे Share on: