पत्थरों से कब तलक बाँधेगी उम्मीद-ए-वफ़ा By Sher << तोड़ डालें हम निज़ाम-ए-ख़... इंक़लाब-ए-सुब्ह की कुछ कम... >> पत्थरों से कब तलक बाँधेगी उम्मीद-ए-वफ़ा ज़िंदगी देखेगी कब तक जागती आँखों से ख़्वाब Share on: