पेच दे दे लफ़्ज़ ओ मअनी को बनाते हैं कुलफ़्त By Sher << फिर आई ज़ुल्फ़-ए-मुसलसल क... पाया-ए-तख़्त-ए-सुलैमाँ का... >> पेच दे दे लफ़्ज़ ओ मअनी को बनाते हैं कुलफ़्त और वो फिर उस पे रखते हैं गुमान-ए-रेख़्ता Share on: