पेड़ के नीचे ज़रा सी छाँव जो उस को मिली By Sher << ग़ुनूदा राहों को तक तक के... ज़मीं को और ऊँचा मत उठाओ >> पेड़ के नीचे ज़रा सी छाँव जो उस को मिली सो गया मज़दूर तन पर बोरिया ओढ़े हुए Share on: