पेड़ ऊँचा है मगर ज़ेर-ए-ज़मीं कितना है By Sher << 'अरीब' देखो न इतर... कभी तो लगता है गुमराह कर ... >> पेड़ ऊँचा है मगर ज़ेर-ए-ज़मीं कितना है लब पे है नाम-ए-ख़ुदा दिल में यक़ीं कितना है Share on: