'अरीब' देखो न इतराओ चंद शेरों पर By Sher << एक हम्माम में तब्दील हुई ... पेड़ ऊँचा है मगर ज़ेर-ए-ज... >> 'अरीब' देखो न इतराओ चंद शेरों पर ग़ज़ल वो फ़न है कि 'ग़ालिब' को तुम सलाम करो Share on: