पेड़ों की घनी छाँव और चैत की हिद्दत थी By Sher << वो सानेहा हुआ था कि बस दि... किस का चेहरा ढूँडा धूप और... >> पेड़ों की घनी छाँव और चैत की हिद्दत थी और ऐसे भटकने में अंजान सी लज़्ज़त थी Share on: