वो सानेहा हुआ था कि बस दिल दहल गए! By Sher << ये दर-ओ-दीवार पर बे-नाम स... पेड़ों की घनी छाँव और चैत... >> वो सानेहा हुआ था कि बस दिल दहल गए! इक शब में सारे शहर के चेहरे बदल गए Share on: