पीर-ए-मुग़ाँ से हम को कोई बैर तो नहीं By Sher << सच तो कह दूँ मगर इस दौर क... मौक़ूफ़ जुर्म ही पे करम क... >> पीर-ए-मुग़ाँ से हम को कोई बैर तो नहीं थोड़ा सा इख़्तिलाफ़ है मर्द-ए-ख़ुदा के साथ Share on: