फिर निगाहों को आज़मा लीजे By Sher << सदियों से मिरे पाँव तले ज... पयाम-ए-ज़िंदगी-ए-नौ न बन ... >> फिर निगाहों को आज़मा लीजे फिर वफ़ाओं पे इश्तिबाह रहे Share on: