पयाम-ए-ज़िंदगी-ए-नौ न बन सकीं सद हैफ़ By Sher << फिर निगाहों को आज़मा लीजे न होता ख़ानुमाँ तो ख़ानुम... >> पयाम-ए-ज़िंदगी-ए-नौ न बन सकीं सद हैफ़ ये ऊदी ऊदी घटाएँ ये भीगी भीगी बहार Share on: