पीता नहीं शराब कभी बे-वज़ू किए By Sher << वतन की सर-ज़मीं से इश्क़-... आओ इस तीरा-बख़्त दुनिया म... >> पीता नहीं शराब कभी बे-वज़ू किए क़ालिब में मेरे रूह किसी पारसा की है Share on: