वतन की सर-ज़मीं से इश्क़-ओ-उल्फ़त हम भी रखते हैं By Sher << ज़माने को हिला देने के दा... फिर आई फ़स्ल कि मानिंद बर... >> वतन की सर-ज़मीं से इश्क़-ओ-उल्फ़त हम भी रखते हैं खटकती जो रहे दिल में वो हसरत हम भी रखते हैं Share on: